केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए प्रायोगिक परीक्षाओं (Practical Exam), प्रोजेक्ट वर्क और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) की तिथि घोषित कर दी है। प्रायोगिक परीक्षाएँ 1 जनवरी से पूरे देश में एक साथ शुरू होंगी।
Matric 12th Practical Exam New Date Released
| आर्टिकल का प्रकार | सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा का शेड्यूल जारी किया |
| आर्टिकल का नाम | Matric 12th Practical Exam New Date Released |
| आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
| Benefits | सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा का शेड्यूल जारी किया |
| Departments | PM Kisan |
| ऑफिसियल वेब्साइट | Click Here |
Matric 12th Practical Exam New Date Released
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा का शेड्यूल जारी किया
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए प्रायोगिक परीक्षाओं (Practical Exam), प्रोजेक्ट वर्क और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) की तिथि घोषित कर दी है। प्रायोगिक परीक्षाएँ 1 जनवरी से पूरे देश में एक साथ शुरू होंगी।
यह तिथि सभी स्कूलों और संबद्ध संस्थानों के लिए अनिवार्य होगी, और किसी भी स्कूल को इस समयसीमा में बदलाव करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रायोगिक परीक्षा की तिथि क्यों बदली जाती है?
सीबीएसई हर वर्ष बोर्ड परीक्षा से पहले प्रायोगिक परीक्षाएँ आयोजित करता है ताकि—
- छात्रों की प्रयोगशाला आधारित क्षमता की जांच की जा सके
- प्रोजेक्ट कार्यों को समय पर मूल्यांकन किया जा सके
- आंतरिक मूल्यांकन को अंतिम बोर्ड परिणाम में शामिल किया जा सके
इस बार बोर्ड ने तैयारी और पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी से प्रायोगिक परीक्षाएँ शुरू करने का निर्णय लिया है।
मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष निर्देश
CBSE ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि सभी प्रायोगिक परीक्षाएँ पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाएँ।
विशेष रूप से—
- प्रायोगिक परीक्षाएँ एक्सटर्नल एग्जामिनर की उपस्थिति में कराई जाएँगी
- सभी अंक तुरंत पोर्टल पर अपलोड किए जाएँ
- वीडियो/फोटोग्राफिक सबूत भी अपलोड करने के लिए कहा जा सकता है
बोर्ड ऐसे नियम इसलिए लागू करता है ताकि छात्रों को निष्पक्ष मूल्यांकन मिले।
शिक्षक और एक्सटर्नल एग्जामिनर के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
स्कूलों को बोर्ड के निर्देशानुसार बाहरी परीक्षक (External Examiner) की नियुक्ति करनी होगी।
एग्जामिनर के लिए—
- छात्रों की उपस्थिति दर्ज करना
- प्रयोगशाला की व्यवस्था जांचना
- अंक देने में पारदर्शिता रखना
- प्रोजेक्ट को निर्धारित मानक पर मूल्यांकन करना
अनिवार्य है।
स्कूलों के अंदर कोई भी शिक्षक CBSE के नियमों से बाहर जाकर अंक नहीं दे सकता।
स्कूलों को तैयारी के लिए जारी किए गए निर्देश
सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं—
- 1 जनवरी से पहले सभी लैब तैयार कर ली जाए
- स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल फाइल पूरी करनी होगी
- विषयवार सूची समय पर बोर्ड पोर्टल पर अपडेट करनी होगी
- आवश्यक सामग्री जैसे टेस्ट ट्यूब, केमिकल्स, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों
यह तैयारी सुनिश्चित करती है कि परीक्षाएँ बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से चल सकें।
छात्रों के लिए जरूरी निर्देश
छात्रों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा बेहद महत्वपूर्ण होती है क्योंकि—
- प्रैक्टिकल के अंक बोर्ड के कुल परिणाम में जोड़े जाते हैं
- कई विषयों में 20–30 अंक प्रैक्टिकल के होते हैं
- प्रोजेक्ट वर्क भी अंतिम मार्किंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
इसके लिए छात्रों को—
- अपनी प्रैक्टिकल फाइलें व्यवस्थित रखना
- शिक्षक द्वारा दिए गए प्रयोगों का अभ्यास करना
- लैब में अनुशासन बनाए रखना
जरूरी है।
सूची में विषयवार अंक और निर्देश जारी किए जाएंगे
CBSE ने कहा है कि सभी विषयों के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए जाएंगे।
इसमें शामिल होंगे—
- प्रैक्टिकल अंक वितरण
- वाइवा वॉइस के अंक
- प्रोजेक्ट वर्क मार्किंग
- आंतरिक मूल्यांकन के मानदंड
इन सभी निर्देशों के आधार पर छात्रों को तैयारी करनी होगी।
1 जनवरी को क्यों शुरू होती है प्रायोगिक परीक्षा?
जनवरी का महीना बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी का अंतिम समय होता है। प्रैक्टिकल परीक्षाएँ पहले कर लेने से—
- छात्रों को थ्योरी परीक्षा की तैयारी के लिए समय मिलता है
- स्कूलों को सभी अंक बोर्ड पोर्टल पर अपलोड करने का समय मिलता है
- समय पर एडमिट कार्ड तैयार किए जा सकते हैं
इसलिए बोर्ड हर साल जनवरी में प्रैक्टिकल परीक्षा कराता है।
प्रैक्टिकल परीक्षा न देने पर होने वाले नुकसान
यदि कोई छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं होता, तो—
- वह मुख्य बोर्ड परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं माना जाता
- प्रैक्टिकल अंकों के बिना रिजल्ट अधूरा रहेगा
- उसके वर्ष बर्बाद होने की संभावना बढ़ जाती है
इसी कारण प्रैक्टिकल परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है।
स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखेगा बोर्ड
CBSE ने कहा है कि इस बार स्कूलों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
बोर्ड की ओर से—
- निरीक्षण टीम
- ऑनलाइन रिपोर्टिंग
- रैंडम चेक
इत्यादि के माध्यम से प्रायोगिक परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को मॉनिटर किया जाएगा।
आंतरिक मूल्यांकन में ये भी शामिल होगा
आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में—
- असाइनमेंट
- प्रोजेक्ट
- प्रेजेंटेशन
- लैब टेस्ट
- नियमित उपस्थिति
को भी शामिल किया जाएगा।
इससे स्कूलों को छात्रों के संपूर्ण प्रदर्शन का आकलन करने का अवसर मिलता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. CBSE की प्रायोगिक परीक्षा कब से शुरू होगी?
प्रायोगिक परीक्षा 1 जनवरी से पूरे देश में एक साथ शुरू होगी।
2. क्या प्रैक्टिकल परीक्षा देना अनिवार्य है?
हाँ, यह सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है। बिना प्रैक्टिकल के भाग लिए बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हुआ जा सकता।
3. क्या प्रैक्टिकल के अंक बोर्ड परीक्षा में जुड़ते हैं?
हाँ, प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट वर्क और आंतरिक मूल्यांकन के अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाते हैं।
4. एक्सटर्नल एग्जामिनर कौन होता है?
बोर्ड द्वारा नियुक्त बाहरी शिक्षक जो परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
5. क्या स्कूल प्रैक्टिकल तिथि बदल सकते हैं?
नहीं, किसी भी स्कूल को तिथि बदलने की अनुमति नहीं है।
6. छात्र कैसे तैयारी करें?
प्रैक्टिकल फाइल तैयार रखें, प्रयोगों का अभ्यास करें और वाइवा के लिए सभी अवधारणाएँ समझें।
7. यदि छात्र प्रैक्टिकल परीक्षा मिस कर दे तो क्या होगा?
ऐसे छात्रों को बोर्ड परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया जाएगा।